सफलता का गुरु मंत्र क्या है ?

सफलता का गुरु मंत्र क्या है ?

  

हर सफल इंसान के पीछे बेशक किसी ना किसी व्यक्ति का हाथ होता ही है जो हमें सही रास्ता दिखता है, सही ज्ञान देता है और हर मुसीबत में आपके साथ खड़ा होता है | कुछ ऐसी बाते जो सुनने में तो साधारण होती है परन्तु कभी-कभी किसी परेशानी भरे समय पर वो आपके लिए किसी वरदान से कम नहीं लगती है, ऐसी छोटी-बड़ी बाते ही हमारे जीवन का गुरुमंत्र है सफलता के लिए, कुछ निंम्नलिखित बातो पर विचार करते है जो हमें हमेशा काम आएगी यही गुरुमंत्र है |

किस्मत पर नहीं छोड़े :-

जीवन में कुछ बातें या घटनाएं संयोगवश हो सकती हैं। लेकिन आप अगर इस इंतजार में रहेंगे कि सब कुछ अपने आप अकस्मात ही आपको हासिल होगा, तो शायद आप सारी जिंदगी इंतजार ही करते रह जाएंगे, क्योंकि संयोग हमेशा तो नहीं हो सकता। यहां तक कि भौतिक विज्ञान की क्वांटम थ्योरी भी यही कहती कि अगर आप असंख्य बार तक कोशिश करते रहेंगे, तो एक दिन टहलते हुए दीवार के बीच से भी निकल सकते हैं।

आपके बार-बार करने से कणों में स्पंदन होता रहेगा, जिसकी वजह से शायद दीवार के बीच से निकल पाना भी संभव हो जाए। लेकिन जब तक आप इस अवस्था को हासिल करेंगे, आपकी खोपड़ी फट चुकी होगी। तो जब तक आप किसी संयोग का इंतजार करते रहेंगे, आप व्यग्र रहेंगे। लेकिन जब आप पक्के इरादे के साथ अपनी क्षमताओं का भरपूर इस्तेमाल करते हुए अपनी मंजिल की तरफ बढ़ेंगे, तब यह बात मायने नहीं रखती कि क्या हुआ और क्या नहीं हुआ। आपके साथ जो भी होगा कम से कम वह आपके वश में होगा। एक सुकून का जीवन होगा।

अपनी विफलताओं से निराश हों :-

लक्ष्य के प्रति समर्पित इंसान के लिए विफलता जैसी कोई चीज नहीं होती। अगर एक दिन में आप सौ बार गिरते हैं तो इसका मतलब हुआ कि आपको सौ सबक मिल गए। अगर आप अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित हो जाएं, तो आपका दिमाग भी उसी तरह सुनियोजित हो जाएगा। जब आपका दिमाग सुनियोजित रहेगा तो आपकी भावनाएं भी उसी के अनुसार रहेंगी, क्योंकि जैसी आपकी सोच होगी, वैसी ही आपकी भावनाएं होंगी।

एक बार जब आपकी सोच और आपकी भावनाएं सुनियोजित हो जाएंगी, आपकी ऊर्जा की दिशा भी वही होगी और फिर आपका शरीर भी एक लय में जाएगा। जब ये चारों एक ही दिशा में बढ़े तो लक्ष्य हासिल करने की आपकी क्षमता गजब की होगी। फिर कई मायनों में आप अपने भाग्य के रचयिता होंगे।

स्पष्ट सोच के साथ काम करें :-

किसी भी व्यक्ति में आत्मविश्वास से अधिक जरूरी है उसके अंदर स्पष्टता का होना। यदि आप किसी भीड़ को पार कर कहीं पहुंचना चाहते हैं, आपकी दृष्टि सही जगह पर है और आप देख पा रहे हैं कि भीड़ कहां खड़ी है, तो आप बहुत आसानी से बिना किसी से टकराए अपना रास्ता बनाते हुए अपनी मंजिल तक पहुंच जाएंगे।

लेकिन आपकी नजर अगर सही जगह पर नहीं है और महज विश्वास है, तो आप हर किसी से टकराते रहेंगे। लोगों को लगता है कि महज उनका आत्मविश्वास ही उनके अंदर की स्पष्टता की कमी को पूरा कर देगा। लेकिन ऐसा कतई नहीं है।

मान लीजिए कि आप अपने जीवन के सभी बड़े फैसले इसी तरह सिक्का उछालकर करते हैं कि चित आए तो इधर, पट आए तो उधर और यदि ऐसा करने से 50 फीसदी बार भी आपको अपने सवालों के जवाब मिल जाते हों, तो फिर दुनिया में आपके लिए सिर्फ दो ही तरह के रोजगार बच जाते हैं- मौसम विभाग में भविष्यवाणी करने का या फिर ज्योतिष का। इसके अलावा और कोई व्यवसाय आपके लिए नहीं होगा।

हिसाब किताब करना छोड़ दें :-

महान बनने की कोशिश करें।मुझे क्या मिलेगा या मेरा क्या होगा’, इसकी चिंता छोड़कर अगर अपने जीवन के लक्ष्य पर ध्यान देंगे और उसका दायरा बढ़ाएंगे, तो आप खुद एक असाधारण व्यक्ति बन जाएंगे। अगर आप गौर करें तो पाएंगे कि हमारे सामने जितने भी महान व्यक्ति हैं, उनमें से किसी ने कभी महान बनने की कोशिश नहीं की होगी, बल्कि उनका नजरियामुझे क्या मिलेगा या मेरा क्या होगासे कहीं आगे रहा था।

बस, आप भी अपने दिमाग सेमेरा क्या होगाकी चिंता निकाल दें और अपनी क्षमता के हिसाब से बेहतरीन काम करने पर अपना ध्यान केंद्रित करें। आप खुद ही असाधारण व्यक्ति हो जाएंगे, क्योंकि तब आपका मकसद अपने आसपास की दुनिया को बेहतर बनाना होगा। ऐसे में करने के लिए इतना कुछ होगा कि इस सोच के साथ आपकी क्षमताओं का विकास खुद खुद होगा और आपके व्यक्तित्व में निखार आएगा।


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