कैसे आत्मविश्वास और कड़ी मेहनत से कुछ भी संभव है

कैसे आत्मविश्वास और कड़ी मेहनत से कुछ भी संभव है

  

मेहनत असंभव को संभव बना देती है, कठोर परिश्रम या कड़ी मेहनत मनुष्य का असली धन होता है। बिना कठिन परिश्रम के सफलता पाना असंभव है। इस दुनिया में जो व्यक्ति कठिन परिश्रम करता है सफलता उसी का कदम चूमती है। कड़ी मेहनत करने वाले लोग मिट्टी को भी सोना बना देते हैं।

यह तो एक साधारण तथ्य है की आज दुनिया भर में हर एक सफल व्यक्ति कुछ ना कुछ कष्ट सहने के बाद ही ऊँचाइयों पर पहुंच पाया है। ठीक इसी तरह अपने अंदर का विश्वास ही किसी व्यक्ति के लिए सफलता का मार्ग खोलता है। अगर आपके पास सारा संसधान, क्षमता, योग्यता आदि हो लेकिन उसके ऊपर आपका विश्वास नहीं हो, तो सफलता आपसे उतनी ही दूर है, जितनी दूर समुद्र के किनारे बैठे व्यक्ति से मीठा पानी।

आत्मविश्वास और कड़ी मेहनत के साथ साथ हमें कुछ निन्मलिखित नीचे दिए मंत्रो से किसी भी असंभव कार्य को संभव कर पाने की ऊर्जा मिलती है |

1 अपनी पिछली उपलब्धियों को हमेशा याद रखें:-

जीवन भर आपने जो किया है उसे विचारने के लिए अपने अतीत के बारे में सोचने के लिए कुछ समय निकालें। अतीत में आपने जो भी कुछ अच्छा किया, उससे आपको गर्व महसूस होता है, चाहे वह कितनी भी छोटी उपलब्धि क्यों हो|

2 सकारात्मक विचारों पर ध्यान केंद्रित करें। हमेशा खुद पर विशवास रखें|:-

आत्म-संदेह विचार से हम अक्सर परेशान होते हैं। उन नकारात्मक विचारों के कारण हमें चीजों को प्राप्त करने और निर्णय लेने की क्षमता में कमी महसूस होती है। आत्म-संदेह और नकारात्मक विचारों दूर करने के लिए, सकारात्मक विचारो पर ध्यान दें| हर इंसान प्रतिभा के साथ पैदा होता है, जैसे आप और मैं। सभी लोग प्यार और सम्मान के योग्य हैं। इसलिए अपने आप में एक विश्वास विकसित करें और विश्वास और आशा बनाए रखें।

3 खुद को समझें:-

शीशे के सामने खड़े होकर खुद को देखें। फिर, अपने आप से यह सवाल पूछें क्या मैं खुद को अच्छी तरह समझता हूं? एक बार जब आप जान जायेंगे कि आप कौन हैं और आप किस लिए हैं, तो आपके अन्दर खुद विश्वास जागने लगेगा।

लेकिन अगर आपको अभी भी संदेह है कि आप कौन हैं तो आपको संदेह को दूर करने की आवश्यकता है क्योंकि ये आपका दुश्मन है। इसे दूर करने के लिए खुद को चुनौती दें। यदि आप स्वयं को बेहतर जानना चाहते हैं, तो अपने विचारों को सुनना सीखें।

4 हमेशा नया ज्ञान प्राप्त करते रहें:-

सफलता के लिए कोई शॉर्टकट नहीं हैं। आपको कई बार बाधाओं का सामना करने और विफलताओं को स्वीकार करने की आवश्यकता होती है। ये सभी चीज़े आपको अपने ज्ञान की सीमा का विस्तार करने और जीवन में क्या संभव है उस विकसित करने में सक्षम बनाती हैं। खुद को सशक्त बनाने का एक सबसे अच्छा तरीका ये है कि आप खुले विचारों वाले हों और सीखते रहें।

5 लक्ष्य निर्धारित करना शुरू करें और उन्हें हासिल करने के लिए कदम बढायें:-

हमे लक्ष्य निर्धारित करना पसंद हैं, चाहे कोई बड़ा या छोटा क्यों हो। हमारे लक्ष्यों का आकार हमारी व्यक्तिगत क्षमताओ पर निर्भर करता है। अपने लक्ष्य के आकार के बावजूद, सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आप साहसपूर्वक अपना पहला कदम उठायें। एक बार जब आपने अपने जीवन की एक दिशा पकड़ ली तो आप जो चाहते हैं उसे प्राप्त करने के लिए अधिक से अधिक प्रयास करें| हमेशा याद रखें की लक्ष्य को पूरा करने में कभी जल्दबाजी करें। हर लक्ष्य को पूरा करने के लिए खुद को पर्याप्त समय दें |

6 अपने आरामदायक माहोल से बाहर निकलें और जोखिम उठाएँ|:-

यह बहोत स्वाभाविक सी बात है कि आप अपने कम्फर्ट जोन (comfort zone) में रहना पसंद करते हैं। कम्फर्ट ज़ोन एक ऐसी जगह है जहाँ गतिविधियाँ और आदतें आपकी योजना में फिट (fit) होती हैं जो आपके तनाव और खतरे को कम करता है। ये एक सामान्य व्यवहार है, लेकिन इससे आप चुनौतियों का सामना करने, ज्ञान प्राप्त करने, नई चीजें विकसित करने या प्रयास करने के लिए आलसी हो जाते हैं, और आप हमेशा अपने कम्फर्ट जोन में बने रहेंगे और सिकुड़ कर रह जायेंगे। अपने कम्फर्ट जोन से बाहर निकलने से डरें।

7 लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए दृढ़ संकल्पित रहें।:-

हम में से कई लोगों में लक्ष्य निर्धारित करने और सफल होने की योजनाओं का उत्साह बना रहता है। लेकिन केवल वे जो अपने प्रयासों में दृढ़ता से लगे रहते है। असल में अधिकांश लोग शुरू होने से पहले ही रुक जाते हैं या अपने सपनों का पीछा करना बीच में ही छोड़ देते हैं। इसका कारण, ज्यादा डर, अनिश्चितता और नकारात्मक आत्म-चर्चा, है यही चीज़े उनके रास्ते में बाधा बनती हैं।

8 अपने और दूसरों के प्रति कृतज्ञ रहें|:-

जीवन में आपके पास मौजूद सभी चीजों के लिए अपना आभार व्यक्त करें। दूसरों ने आपको जो दिया है, उसके प्रति आभार व्यक्त करें जो आपको विनम्र होने के लिए याद दिलाता रहता है। आभार प्रकट करने से ये आपके नकारात्मक ध्यान को बाधित करेगा और आपका नकारात्मक रूप, शांति और आनंद की ओर स्थानांतरित हो जाएगा।

9 दूसरों की दिल से तारीफ करें|:-

यदि आप दूसरों को बधाई देने की कोशिश करते हैं, तो यह दर्शाता है कि आप दुसरो को सकारात्मक प्रतिक्रिया देते वक्त काफी अच्छा महसूस कर रहे है। अपने असली रवैये को दिखाने के लिए गंभीर और ईमानदारी से दुसरो की प्रशंसा करें। ये क्रिया दुसरे व्यक्तियों के प्रति चौकस रहना दिखाता है कि आप चीजों को सकारात्मक रूप से देखते हैं। और फिर इसके बदले में हमें अधिक प्रशंसा मिलती है|

10 संयमित रहें:-

सयंमित इंसान ही सोच समझ कर बोलता कार्य करता है उसे ये ध्यान रहता है कि कौन सा काम कब करना है \ कितना करना है \ जो काम हम करने जा रहे है ये आवश्यक है या नही और करना है तो कैसे करना है \ इस काम का क्या परिणाम निकलेगा, किसी का नुकसान तो नही होगा |

11 हर गलती पर कई बार सोचें :-

कुछ लोग छोटी सी गलती होने पर अवसाद में घिर जाते हैं। जब की गलती स्वीकार करके उसे सुधारने की जरूरत होती और गलती स्वीकार वही इंसान कर सकता है जो अपने कर्म में निष्ठा रखता हो। जो इंसान हर गलती से सीखता है वही अगले पड़ाव पर पहुँचता है। वरना लक्ष्य तक हर इंसान नही पहुंच पाता। इसलिए हर गलती पर रुके सोचे जो गलती हुई है उसे स्वीकार कर के सुधारें और आगे बढ़ जाएं। जब आप ऐसा करना शुरू कर दोगे तो जिंदगी में आने वाली कई समस्याओ को सुलझा सकोगे

12 मौका हा. से ना जानें दें :-

खुद को योग्य बनाने और महेनत के साथ ये जरूरी है की आप की निगाहें मौके पर टिकी हो क्यु की जंदगी मौका बार बार नही देती इसलिए मौका मिलते ही चौका मर दो। नही तो आप ने खड्गोश और कछवा वाली कहानी सुनी होगी, आप भी खडग़ोश की तरह योग्य होते हुए भी हार जाओगे


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