अपनी इच्छाशक्ति को कैसे बढ़ाएं

अपनी इच्छाशक्ति को कैसे बढ़ाएं

  

इच्छा सफलता का शुरुआती बिंदु होती है। जब हम किसी वस्तु को देखते हैं और वह हमें अच्छी लग जाती हैं तो हमारे मन में उस वस्तु को प्राप्त करने के लिए इच्छा उत्पन्न होती हैं। और जब हम उस वस्तु को प्राप्त करने के लिए स्वयं को तन, मन और धन अर्थात संपूर्ण रूप से समर्पित कर देते हैं अर्थात अपनी पूरी शक्ति लगा देते हैं तो यह हमारी इच्छा शक्ति को प्रदर्शित करती है। यदि हम अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए दृढ़ संकल्पित हो जाते हैं और अपने मार्ग से नहीं भटकते हैं तो यह हमारी दृढ़ इच्छा शक्ति होती है।

यदि किसी व्यक्ति में इच्छाशक्ति उत्पन्न हो जाती हैं तो वह व्यक्ति किसी भी वस्तु को प्राप्त करने में असफल नहीं होता है। हमारी इच्छा शक्ति जितनी अधिक दृढ़ व मजबूत होगी उतना ही जल्दी हम अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में सफलता की ओर आगे बढ़ेंगे।

किसी ने सत्य कहा है कि- तृष्णायें किसी की पूरी नहीं होती और संकल्प किसी के अधूरे नहीं रहते।

अर्थात यदि हम केवल इच्छा करते हैं तो हम हमारा लक्ष्य प्राप्त करने में सफल हो पाएंगे या नहीं कुछ कह नहीं सकते परंतु यदि हम में दृढ़ संकल्प कर लिया है तो हम अवश्य ही अपने लक्ष्य को प्राप्त कर लेंगे।

इच्छाशक्ति क्या है

इच्छा शक्ति दो शब्दों से मिलकर बनी है- इच्छा और शक्ति। इच्छा अर्थात किसी वस्तु को पाने की कामना और शक्ति अर्थात ऊर्जा। अच्छा जब हम किसी वस्तु को प्राप्त करने के लिए अपनी संपूर्ण ऊर्जा लगा देते हैं तो इसे इच्छाशक्ति कहते हैं।

इच्छा शक्ति एक मशाल की तरह होती है, यदि आपने इसे जलाए रखा तो आपको कहीं भी अंधकार का सामना नहीं करना पड़ेगा अर्थात यदि आपकी इच्छा शक्ति निरंतर एक जैसी ही बनी रहती है तो आप अवश्य ही अपने लक्ष्य तक पहुंच जाएंगे और आपको मार्ग में कठिनाइयों का सामना भी नहीं करना पड़ेगा।

किसी ने कहा है कि- इच्छा सफलता का शुरुआती बिंदु है, यह हमेशा याद रखें जिस तरह छोटी आग से कम गर्माहट मिलती है उसी तरह कमजोर इच्छा से कमजोर परिणाम मिलते हैं ।

अर्थात यदि हमारी इच्छा शक्ति कमजोर है तो यह निश्चित नहीं कहा जा सकता कि हम पूर्ण रूप से अपने लक्ष्य को प्राप्त कर भी पाएंगे या नहीं जिस प्रकार एक छोटे से तिनके से हमें कम गर्माहट मिलती है परंतु यदि उसी तिनके को आग का सहारा मिल जाए तो वह कुछ भी जला सकता है इसी प्रकार यदि हम अपनी इच्छाशक्ति को दृढ़ इच्छाशक्ति में परिवर्तित कर ले तो ऐसा कोई भी लक्ष्य नहीं जिसे पाना हमारे लिए असंभव हो।

दृढ़ इच्छाशक्ति हमारे लिए ऐसे ब्रह्मास्त्र का कार्य करती है जिसके लिए कोई भी कठिनाई अकाट्य नहीं होती अर्थात दृढ़ इच्छाशक्ति के सहारे हम अवश्य ही उस वस्तु को प्राप्त कर लेंगे जिसके हम कामना करते हैं।

इच्छा शक्ति बनाम आत्म नियंत्रण

जब हम किसी वस्तु को देखकर उसकी ओर आकर्षित हो जाते हैं और उसे प्राप्त करने की इच्छा करने लगते हैं और उस वस्तु को प्राप्त करने में अपनी पूरी ऊर्जा लगा देते हैं तो यह हमारी इच्छा शक्ति कहलाती है। इच्छा शक्ति आकस्मिक उत्पन्न होती है वही आत्म नियंत्रण लंबी अवधि के अनुशासन का परिणाम होता है।

जैसे यदि हम किसी बुरी आदत के शिकार हो जाते हैं तो हमें उसका त्याग करने के लिए स्वयं को अनुशासित करना पड़ता है। किसी भी बुरी आदत का त्याग एक ही दिन में नहीं किया जा सकता है इसके लिए हमें प्रतिदिन प्रतिक्षण स्वयं पर नियंत्रण रखने की आवश्यकता होती है और स्वयं को अनुशासन में रखने की आवश्यकता होती है।

हम अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति तभी विकसित कर सकते हैं जब हमारे अंदर आत्म नियंत्रण हो जैसे यदि हमारा लक्ष्य किसी परीक्षा को पास कर उच्च पद प्राप्त करने का है तो यह हमारी इच्छा है परंतु जब हम पूरी ऊर्जा और लगन के साथ मेहनत करते हैं तथा अपने ध्यान को और कहीं भटकते नहीं देते हैं, स्वयं पर आत्म नियंत्रण रखते हैं तो यह हमारी दृढ़ इच्छाशक्ति कहलाती है।

संक्षेप में हम यह कह सकते हैं कि आत्म नियंत्रण, इच्छा शक्ति की एक महत्वपूर्ण कड़ी है।

इच्छाशक्ति की कमी से तात्पर्य-

इच्छा शक्ति एक कोयले से चलने वाली रेलगाड़ी की तरह है, हम जब तक और जितना कोयला उस में डालेंगे वह तब तक और उसी गति से चलेगी इसी प्रकार हमारी इच्छा शक्ति होती है जब तक की इच्छा शक्ति हमारे अंदर प्रबल होती है तब तक हम अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के मार्ग में निरंतर आगे की ओर बढ़ते रहते हैं परंतु यदि हमारी इच्छा शक्ति कमजोर होती है तो हम अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के मार्ग से भटकने लगते हैं।

जैसे यदि हम प्रतिदिन व्यायाम करने का लक्ष्य बनाते हैं तो कुछ दिनों तक तो हमारे अंदर व्यायाम करने में रूचि होती है परंतु कुछ दिनों बाद हमारी रुचि उस क्षेत्र से हटने लगती है, यह हमारी इच्छा शक्ति के कमजोर होने के कारण ही होता है। हमारी इच्छा शक्ति जितनी अधिक प्रबल होगी हम उतना ही अपने लक्ष्य के निकट पहुंचते जाएंगे वही हमारी इच्छा शक्ति जितना अधिक कमजोर होगी उतना ही हम अपने लक्ष्य से दूर होते चले जाएंगे।

अपनी इच्छाशक्ति को कैसे सुधारें-

जब हम इच्छाशक्ति की बात करते हैं तो यह आकस्मिक उत्पन्न होती है इसे उत्पन्न करने का कोई तरीका नहीं है परंतु इसे सुधारने या इच्छा शक्ति को बढ़ाने के कई उपाय हैं जो निम्नलिखित हैं-

1. अपना लक्ष्य निर्धारित करना-

हमें इच्छाशक्ति को विकसित करने या बढ़ाने के लिए सर्वप्रथम आवश्यक है कि हमारा एक लक्ष्य हो क्योंकि जब तक हमारा कोई लक्ष्य नहीं होगा हम आगे उस पर कार्य नहीं कर पाएंगे।

2. एकाग्रता-

अपनी इच्छाशक्ति को बढ़ाने के लिए हमें एकाग्र होने की नितांत आवश्यकता है। जब हम एकाग्र होंगे वह हमारा ध्यान कहीं और नहीं जाएगा तब हम एकाग्र चित्त होकर अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कार्य करेंगे जो हमारी इच्छा शक्ति को बढ़ाएगा।

3. समय का पालन-

हमें अपनी इच्छाशक्ति को विकसित करने के लिए स्वयं को अनुशासित रखना चाहिए। जब हम कोई भी कार्य नियत समय पर करते हैं तो हमारे अंदर उस कार्य को और करने की इच्छा प्रकट होती है जो हमारी इच्छा शक्ति को मजबूत बनाती है।

4. भविष्य का चिंतन-

हमें हमारी कल्पना शक्ति का प्रयोग करना चाहिए और यह सोचना चाहिए कि जब हम इस लक्ष्य को प्राप्त कर लेंगे तो भविष्य में हमारा जीवन किस प्रकार का होगा । इससे हमारा लक्ष्य के प्रति आकर्षण बढ़ेगा और इच्छाशक्ति और मजबूत होगी।

5. ध्यान लगाना-

चाहे इच्छाशक्ति को दृढ़ करना हो, एकाग्रता ग्रहण करनी हो या सकारात्मक सोच विकसित करनी हो, इन सबके लिए आवश्यक है ध्यान लगाना। ध्यान लगाने के पश्चात हमारा मस्तिष्क सक्रिय हो जाता है और सुचारू रूप से कार्य करने लगता है।

6. स्वयं को प्रोत्साहित करना-

हमें स्वयं को अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित करते रहना चाहिए। हमें स्वयं को यह विश्वास दिलाना चाहिए कि हम इस लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं। इससे हमारी इच्छा शक्ति मे भी सुधार होता है।

7. सकारात्मक होना-

हमें अपने लक्ष्य कार्य के प्रति हमेशा सकारात्मक होना चाहिए तथा नकारात्मक विचारों को अपने अंदर नहीं आने देना चाहिए।

8. दिखावा ना करना-

हमें किसी भी चीज का दिखावा नहीं करना चाहिए। हम जैसे हैं वैसे ही बने रहना चाहिए।

9. नकारात्मक ना सोचे-

हमें अपने लक्ष्य के प्रति नकारात्मक भावों को अपने अंदर नहीं आने देना चाहिए अन्यथा हमारी इच्छा शक्ति कमजोर हो जाएगी।

10. नियमित व्यायाम करना-

जब हम नियमित व्यायाम करते हैं तो व्यायाम करने से हम शारीरिक व मानसिक पूर्ण रूप से सक्रिय हो जाते हैं जिससे हमारे अंदर किसी भी कार्य को करने के लिए रुचि पैदा होती है जो इच्छा शक्ति विकसित करने में सहायक होती है।

इन सब उपायों का प्रयोग करके हम अपनी इच्छाशक्ति को सुधार सकते है।

निष्कर्ष-

इच्छा शक्ति हमारे अंदर उत्पन्न होने वाली आकस्मिक उद्वेग होते हैं और यदि हम इस इच्छाशक्ति को निरंतर उसी प्रकार बनाए रखते हैं तो हमारे लिए किसी भी लक्ष्य को प्राप्त करना असंभव नहीं होता। यदि हमारे अंदर इच्छाशक्ति की कमी होती है तो हमें अपने लक्ष्य तक पहुंचने में बहुत अधिक कठिनाई हो जाती है वहीं यदि हमारे अंदर इच्छाशक्ति की अधिकता हो जाती है तो यह घमंड का रूप ले लेती है।

हमें हमारे अंदर इच्छाशक्ति को विकसित करने के लिए एकाग्रता, चिंतन, ध्यान लगाना, सकारात्मकता, नियमित व्यायाम, अपने कार्य पर दृढ़ रहना और स्वयं को प्रोत्साहित करने जैसे गुणों की आवश्यकता होती है। यदि हमारे अंदर इन सभी गुणों का समावेश है तो अवश्य ही हम दृढ़ इच्छा शक्ति जागृत कर सकते हैं और अपने निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं।

संक्षेप में यह कहा जा सकता है कि इच्छा सफलता की प्रथम सीढ़ी होती है और जब हम इस इच्छा को पूर्ण करने के लिए अपनी संपूर्ण ऊर्जा लगा देते हैं तो यह दृढ़ इच्छाशक्ति का रूप ले लेती है और जब इस इच्छाशक्ति को हम आत्म नियंत्रण के सहारे वैसा ही दृढ़ बनाए रखते हैं तो हम किसी भी असंभव लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं।


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