संघर्ष और सफलता

सफलता पाने के लिए संघर्ष करना ही पड़ता है। संघर्ष ही है सफलता की कुंजी | ”जिस संघर्ष में आज आप हैं वो आपके कल के लिए ताकत विकसित कर रहा है।” – रॉबर्ट टयू

सफलता का मूलमंत्र : संयम
" धैर्य बहुत ही महत्वपूर्ण है। बूंद-बूंद करके ही जग भरता है।" यह प्रसिद्ध विचार संसार को अपने ज्ञान से मार्गदर्शन देने वाले महात्मा बुद्ध का है। अपने इस कथन में महात्मा बुद्ध ने बहुत महत्वपूर्ण बात पर प्रकाश डाला है। यहां उन्होंने बताया है कि किसी भी कार्य को संपन्न होने में समय लगता है। अर्थात लक्ष्य की प्राप्ति की प्रक्रिया ऐसी है, जिसमे एक निश्चित समय लगता है। मंजिल तक पहुंचने और सफलता पाने तक के इंतजार में वह गुण जो सबसे महत्वपूर्ण है, वह है संयम। जी हां मित्रों, धैर्य, धीरज, या संयम ही वह गुण है,...View more
कमज़ोर आर्थिक स्थिति का सामना कैसे करें

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जीवन में कभी न कभी हम सबको आर्थिक संकट का सामना करना पड़ता है। जिंदगी में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं, ऐसे में इनसे घबराने की ज़रूरत नहीं है। कमज़ोर आर्थिक स्तिथि से निपटने के लिए आपको बहुत धैर्य एवं सकारात्मकता के साथ कदम बढ़ाने होंगे। हालातों से हार मान लेने से काम नहीं चलेगा। आपको इनसे उबरने के लिए अपने हौसले को बनाये रखना होगा। दोस्तों, भूले नहीं कि रात के बाद दिन ज़रूर आता है, इसी तरह दुःख के बाद सुख आना भी निश्चित है। तो आइये जानते हैं, कमज़ोर आर्थिक स्थिति से आप किस तरह निपट सकते है :

✴ आवश्यकताओं को सीमित करें

जब आर्थिक स्थिति कमजोर हो, तब आपको पैसे बचाने पर ज्यादा जोर देना चाहिए। आर्थिक हालत चरमरा जाने पर आवश्यकताएं तो उतनी ही रहती हैं, लेकिन उन्हें पूरा करने के लिए पूंजी कम पड़ जाती है। ऐसे में सभी पैसे खर्च कर देना बुद्धिमानी नहीं होगी । अपनी जरूरतों को कम करें, पैसे केवल वहीं लगाएं जहां बहुत जरूरी है। जिसके बिना काम चलाया जा सकता है, उसमें पैसे खर्च ना करें ।

✴ केवल सोंचे नहीं, करें भी

हमारे पास पैसे नहीं है, अब क्या होगा क्या? क्या करना चाहिए? ऐसे सवाल मन में आने स्वभाविक हैं, लेकिन केवल इन पर सोचतें रहने से कुछ बदलने वाला नहीं है।आपको उस दिशा में काम करना होगा। अपनी माली हालत को वापस पटरी पर लाने के लिए आपको मेहनत करनी होगी, या फिर यह कहे कि दोगुना परिश्रम करना होगा। ऐसे में आलस्य का पूर्णतः त्याग कर दें । याद रखें कि आप आज काम करेंगे, तभी कल बेहतर होगा। फिर कभी आप ऐसी स्थिति में ना पहुंचें, इसके लिए कठोर परिश्रम कीजिए और सफल बनिए।

दो तरह के लोग होते हैं - सफल और असफल

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हर व्यक्ति जीवन में सफल होना चाहता है। ऐश- ओ- आराम की जिंदगी और लोकप्रियता के ख्वाब सभी देखते हैं। लेकिन बहुत कम ही असलियत में सफल हो पाते हैं।

इसके पीछे कारण क्या है?

क्या यह किस्मत का खेल है?

नहीं! यह किस्मत नहीं यह बल्कि सोंच का खेल है। हम जैसा सोंचते हैं वैसा ही पाते हैं। इसी वजह से कुछ लोग सफल होते हैं, तो कुछ असफल। आइये जानें सफल और असफल लोगों में क्या अंतर है :

1) सफल लोग कुछ नया करने से घबराते नहीं।

जिंदगी में सफल होने वाले लोग नए-नए एक्सपेरिमेंट करने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। ठीक उलट असफल लोग, जो हमेशा बनी बनाई, पहले से चलती आ रही चीजों पर ही काम करना चाहते हैं, इस डर से कि वे असफल न हो जाएं। इसीलिए ऐसे लोग जहाँ होते हैं, वहीं रह जाते हैं।

2) सफल लोगों का ध्यान केवल खुद पर केंद्रित होता है।

जब भी हम लीक से हट कर कोई काम करते हैं तब लोग तरह-तरह की बातें बनाते हैं। इन बातों के डर से हम कई बार अपनी कोशिशें बीच में छोड़ देते हैं या जो करना चाहते हैं वो करते ही नहीं। सफल लोग ऐसे नहीं होते हैं । लोग क्या कहते हैं, इसकी परवाह उन्हे नहीं होती। वे खुद पर विश्वास रखते हैं।

3) सफल लोग अपने कम्फर्ट ज़ोन से बाहर निकलते हैं ।

कंफर्ट ज़ोन का अर्थ है उस परिवेश में रहना, जहाँ आराम और आसानी हो । हम हमेशा यही रहना चाहते हैं। जबकि सफल वे ही होते हैं जो चुनौतियों का सामना करने की हिम्मत रखते हैं और प्रतिकूल परितिथियों में भी डटे रहते हैं।