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psychology facts in hindi - 55 मनोवैज्ञानिक रोचक तथ्य
क्या आप जानते हैं मनोवैज्ञानिक सारी चीजों से अलग है। लोगों से बात करते समय उनकी बातों को समझना या उनके दिमाग में क्या चल रहा है यह उनके चेहरे से जान लेना, कौन आपकी बातों को कितना सुन रहा है, और कितना समझ रहा है उनका चेहरा देखकर पता लगा लेना, लोगों के व्यवहार को समझ जाना यह कोई छोटी बात नहीं है। यह सारी चीजें साइकोलॉजी के जरिए बहुत ही गहरी तरीके से काम करती है इंसान का दिमाग और उसके व्यवहार के बारे में आप जितना जानते हैं उतना कम है। हमने लोगों से कहते सुना है...View more
अच्छा कैसे लिखें - लेखन कौशल निखारने के सर्वश्रेष्ठ सुझाव

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कभी नया लिखना होता है तो हम 10 बार सोचते हैं, क्या लिखें? कैसे लिखें? शुरू कैसे करें?

कभी-कभी आपके मन में किसी घटना के बारे में लिखने का विचार आता होगा। आप सहमत होंगे कि बोलना जितना आसान है, लिखना उतना नहीं क्योंकि लिखने का प्रभाव बोलने से अधिक स्थाई और प्रभावी होता है, परंतु शर्त यह है कि हमें प्रभावी ढंग से लिखना आए। जी हाँ, क्योंकि लेखन एक कौशल है। इस लेख में हम यही जानेंगे कि प्रभावी ढंग से कैसे लिखा जा सकता है:

विचारों की अभिव्यक्ति और भाषा

लिखित अभिव्यक्ति में हमें चाहिए कि विचारों को क्रमबद्ध करके अपने भावों के अनुकूल भाषा का प्रयोग करें । स्वाभाविक और स्पष्ट लिखने का प्रयास करें। स्वच्छता, सुंदरता और सुडौल अक्षर का निर्माण, चौथाई छोड़कर लिखना, अक्षर, शब्द और वाक्य से वाक्य के बीच की दूरी को ध्यान रखना अत्यंत आवश्यक है। अर्थात्, लेखन सुंदर और शब्दों की वर्तनी शुद्ध हो। वाक्य की बनावट भी ठीक होनी चाहिए। साथ ही उसमें व्याकरण संबंधी कोई त्रुटि ना हो। जो आप कहना चाहते हैं, वही अर्थ निकले और वही दूसरों तक पहुंचे।

अपने से बड़ों के साथ कैसा व्यवहार करें - शिष्टाचार

मित्रों, हर पल आधुनिक होती इस दुनिया ने लोगों के आचार एवं व्यवहार में भी बदलाव लाए हैं। पहले की तुलना में लोग अब अधिक निर्भीक, खुले विचारों वाले हो गए हैं, जो किसी से भी अत्यंत सहजता से बात कर लेते हैं। यह बहुत अच्छी बात है। किंतु इस बात को भी नकारा नहीं जा सकता है कि कई लोग अपने से बड़ों का आदर करना भूलते जा रहे हैं। आजकल की पीढ़ी में बड़ों के प्रति सम्मान में कमी आती दिख रही है।

यदि आप यह सोच रहे हैं, कि बड़ों को सम्मान देना क्यों आवश्यक है? तो आप को जान लेना चाहिए कि वह आपसे केवल उम्र और औहदे में ही नहीं, बल्कि ज्ञान एवं अनुभव में भी ऊंचे है। दुनिया की हर संस्कृति में अपने से बड़ों का सम्मान करने की सीख दी गई है। फिर क्यों हम इसे भूलते जा रहे हैं?

यह आपकी जिम्मेदारी है कि आप खुद भी बड़ों के प्रति सम्मान रखें, एवं दूसरों को भी सिखाएं। आज हम इसी विषय पर आपके लिए कुछ सुझाव लेकर आए हैं, कि बड़ों के साथ आपको कैसा व्यवहार करना चाहिए। तो आइए कुछ बिंदुओं पर गौर करें :

✴ अपने से बड़ों का अभिवादन करें ।

जब भी आप अपने बड़ों से मिले, तो कभी भी उन्हें नजरअंदाज ना करें। यह आपके रिश्तेदार, पड़ोसी, मित्रों के माता-पिता, अथवा कोई भी जान पहचान के व्यक्ति हो सकते हैं। उन्हें सम्मान देते हुए उनका अभिवादन करना चाहिए। इसके लिए आप उनसे "नमस्ते", "नमस्कार", "सुप्रभात" जैसे शब्द कह सकते हैं। इसके अलावा आप उनके पैर छूकर आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं, अथवा हाथ जोड़कर प्रणाम कर सकते हैं। हमारी संस्कृति में बड़ों के पैर छूकर प्रणाम करने की प्रथा है। ऐसा करने से न सिर्फ उन्हें सम्मान प्राप्त होगा, बल्कि बदले में आपको भी सम्मान और प्यार मिलेगा।