पहले खुद को बदलो 6 टिप्स

पहले खुद को बदलो 6 टिप्स

  

अगर आपको अपनी लाइफ बदलनी है तो इसका आसान सा रास्ता है की पहले आपको खुद को बदलना होगा | हम लोग करते क्या है.. हम हमेशा बाहरी चीजो को बदलने की सोचते है.. हम बहाने ढूंढते है..या दुसरो मे कमिया ढूंढ़ने में अपना सारा समय बर्बाद कर देते है | कभी-कभी बाहर से जो दिखता है वह असलियत में होता नहीं है इसलिए हमें बस खुद को सही करने में अपना कीमती समय बिताना चाहिए | अपने किसी काम में फ़ैल (fail) होने पर दुसरे व्यक्ति को दोष दे देते है | ऐसा करने पर हम खुद के पैर पर ही कुल्हाड़ी मारते है |

जब तक हम बाहरी चीजो को छोड़कर खुद को बदलने की नहीं सोचेंगे.. हमारी लाइफ कभी बदल नहीं सकती | और सबसे जरुरी बहरी बदलाव के साथ आंतरिक बदलाव भी करे | जीवन से संतुष्ट होने के लिए आपको बदलना होगा और खुद को बदलावों के अनुरूप बनाना होगा।

स्वयं को समय दे :-

आपको अपनी लाइफ में अगर खुश रहना है तो आपको किसी बाहरी चीज को बदलने की जरूरत नही है बल्कि खुद को बदलने की जरूरत है | खुद की सोच, नजरिये व एफर्ट (effort) को अगर बदल लिया जाए तो आपकी लाइफ पहले से कही ज्यादा आसान हो जाएगी और आप अपनी लाइफ में खुश रहने लगोगे | समय सबसे अमूल्य है उस अमूल्य चीज को खुद पर भी खर्च करे, ज्यादा नहीं पर थोड़ा समय खुद के लिए भी निकले |

सोच बदले :-

आपकी लाइफ अभी जिस भी कंडीशन पर है वह आपकी सोच के कारण ही है | यह आपकी सोच ही है जो किसी चीज को सही तो किसी चीज को गलत बताती है | सोच में अगर फर्क आ जाये तो काफी चीजे अपने आप बदली हुई नजर आयेंगी | आपके साथ दिनभर में कुछ भी होता है |हम जैसा सोचते है वैसा ही हम करते है, इसलिए खुद को बदलने के लिए पहले खुद की सोच को बदले जैसे ही आपकी सोच बदल जाएगी उसका सीधा आसार आपके काम पर पड़ेगा जो आपकी प्रकृति को निखाएगा |

नजरिया बदले :-

एक सकारात्मक नजरिया और दूसरा नकारात्मक नजरिया | इसलिए, आप हमेशा पॉजिटिव (positive) चीजो पर ही ध्यान रखे | हमेशा सकारात्मक चीजो पर ही फोकस (focus) रखे | हर चीज के नेगेटिव साइड (negative side) को भी देखो और पॉजिटिव साइड (positive side) को भी, पर हमेशा चुनो पॉजिटिव साइड को|अगर हम नाखुश हैं तो इस का सीधा सा अर्थ है कि हम कुछ गलत कर रहे हैं और हल ढूंढ़ने के बजाय चीजों को और उलझा रहे हैं |

छोटे परदे की अभिनेत्री राजश्री ठाकुर का मानना है कि अगर आप सही हैं तो मुश्किलों का हल खुद ही मिल जाता है | वे कहती हैं, ‘‘हर इंसान अपनी स्थिति के हिसाब से जीता है और किसी दूसरे के हिसाब से खुद को बदलना उस के लिए मुश्किल होता है इसलिए जब दूसरे उस से बदलने की अपेक्षा रखते हैं तो गलतफहमियां पैदा हो जाती हैं और संबंध टूटने के कगार पर आ खड़े होते हैं |

खुद पर विश्वास करे :-

हमेशा खुश रहने का एक तरीका सबसे बढ़िया है की हमेशा खुद पर डिपेंडेंट (depent) रहे | कभी भी किसी और के भरोसे मत बैठे रहिये | अगर किसी और के भरोसे बैठोगे तो आपको दुःख ही मिलेगा | दूसरो पर डिपेंड रहने की अपनी आदत जल्दी से बदल दे | दूसरा आपके लिए अगर कुछ करता है तो उसका अहसान माने पर कभी भी किसी पर डिपेंड रहने की न सोचे | अगर हमें खुद पर ही विश्वास नहीं होगा तो दूसरे लोग कैसे हम पर विश्वास करेंगे, बहुत जरुरी है खुद पर विश्वास रखने का |

समस्या को समझे :-

चाहे आपके जीवन में कुछ भी चल रहा हो, संभवतः आप जानते हैं कि आपका जीवन क्यों अटका हुआ है। क्या यह- नौकरी है? आपके दोस्त? आपके रिश्ते? बुरी आदतें? आपका सामान्य दृष्टिकोण? ये पाँचों या फिर इनमें से कुछ? क्या आप इस बात को स्वीकार करने से डरते हैं कि "वास्तव" में समस्या क्या है? आपको किसी भी चीज को ठीक करने के पहले यह निर्धारित करना ही होगा कि ग़लती कहाँ पर है। शुक्र की बात ये है, कि आपके पास इन सभी बातों के उत्तर मौजूद हैं।

ज्यादातर हमारे जीवन का एक पहलू दूसरे पहलुओं को भी प्रभावित करता है। इससे डरें नहीं। अंत में, आप ही अपने जीवन को बनाते हैं। चाहे किसी एक चीज को ठीक करने की जरूरत हो या सभी को, यह सब कुछ किया जा सकता है। यह बस थोड़ा और अतिरिक्त काम होगा। आपको अपनी सोच और मानसिकता में कुछ आवश्यक बदलाव लाने होंगे, पर "यह सब कुछ किया जा सकता है।"

खुश रहे :-

वो चीजें जो आपको नाखुश बना रहीं हैं? उनमें से कुछ काल्पनिक हैं। सच है, आपकी नौकरी बहुत घटिया हो सकती है और आप उसे नकार नहीं सकते। आप एक लगभग समाप्त होने वाले रिश्ते में हो सकते हैं, आप बेरोजगार हो सकते हैं, आप किसी भयानक ड्रग की आदत से जूझ रहे हो सकते हैं, आप आत्महत्या करने की सोच में हो सकते हैं, या आप जीवन के ऐसे पड़ाव पर हो सकते हैं जहाँ जिंदगी रुक सी गई हो और आप किसी भी ओर ना बढ़ रहे हों।

पर "आप परिस्थिति को कैसे देखते हैं" चीजों को ऐसे पलट सकता है "जिससे वो बेहतर बनेंगी।" और ज्यादा आसान बनेंगी। जानने के लिए यह बहुत आसान है, बेशक; करने के लिए यह उतना भी आसान नहीं है। पर यह जानना कि यह जीवन की सच्चाई और तथ्य है, आधे युद्ध को जीत लेने की तरह है।

निष्कर्ष :-

हम सभी में दुनिया बदलने की ताकत है, पर इसकी शुरुआत खुद से ही होगी। कुछ और बदलने से पहले हमें खुद को बदलना होगा। हमें खुद को तैयार करना होगा, अपनी काबिलियत को अपनी ताकत बनाना होगा।


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