
sakshi choubey
271 अंक
Quick Learner
MY name is Sakshi Choubey. I m a banker by profession. I love blogging I work as a writer in my part-time.i am an Indian girl.belongs to MP.

सपने सभी देखते है परन्तु कुछ लोग ही उस सपनो को पूरा कर पाते है जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में अनुशासन का महत्व है। अनुशासन से धैर्य और समझदारी का विकास होता है। समय पर सही निर्णय लेने की क्षमता बढ़ती है। इससे कार्य क्षमता का विकास होता है तथा व्यक्ति में नेतृत्व की शक्ति जागृत होने लगती है।
अनुशासन और अभ्यास से ही आत्मविश्वास पैदा होता है। और आत्मविश्वास से सफलता मिलती है | अनुशासन हमारे चरित्र और व्यक्तित्व के निर्माण में सबसे अहम भूमिका निभाता है। आत्म अनुशासन ही सफलता की चाबी है। घर, परिवार, समाज, गाँव, शहर, राज्य और राष्ट्र में हर जगह सभी कार्यों में अनुशासन की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।किसी भी राष्ट्र की प्रगति तभी संभव है जब उसके नागरिक अनुशासित हों।
देश और समाज को हमें सभ्य व प्रगति के रास्ते पर ले जाना है तो हर नागरिक का अनुशासित होना सबसे आवश्यक और पहला कर्तव्य है। हमारे जीवन मे ''अनुशासन'' एक ऐसा गुण है, जिसकी आवश्यकता मानव जीवन में पग−पग पर पड़ती है।
अनुशासन भी 2 प्रकार के होते है दोनों का विस्तृत में अध्यन करते है और कौन सा अनुशासन हमारी सफलता का श्रोत है :-
आत्म-अनुशासन :-
स्वयं का स्वयं पर शासन आत्म-अनुशासन है | आत्म-अनुशासन उस ताले की चाबी है जिसे कामयाबी या सफलता कहा जाता है |कभी कभी हम बाहर से कुछ दिखते है और अंदर से कुछ होते है |जब स्वयं अनुशासन का भाव हमारी आंतरिक आत्मा से आएगा तभी हम सफल हो पाएंगे |बाहरी अनुशासन के साथ-साथ आत्म-अनुशासन भी जरुरी है |हमारा शारीरिक अनुशासन के साथ मानसिक अनुशासन आत्म-अनुशासन कहलाता है| आत्म-अनुशासन खुद से ख़ुशी है | हमें हमारी सफलता के लिए मन की ख़ुशी का रास्ता तय करना पड़ेगा और यह आजादी का रास्ता अनुशासन से होते हुए जाता है |हम अपनी कमियों और ताकतों को पहचान कर खुद में अनुशासन का भाव पैदा कर सकते है |स्वयं को समझ कर ही दुसरो को समझा सकते है |
बाहरी अनुशासन :-
जो थोपा जाता है और जो सिर्फ बाहर से दिखाई पड़ता है |वह बाहरी अनुशासन होता है जो सफलता की राह पर कठिनाइयों का सामना नहीं कर पाता है |यह अनुशासन हमारी प्रकृति के खिलाफ होता है या इसे हम किसी की मजबूरी में करते है |
आत्म-अनुशासन से देश की उन्नति :-
हमारा समाज एवं राष्ट्र प्रगति के पथ पर निरंतर अग्रसर रहें, तो हमें अनुशासित रहना ही पड़ेगा।अनुशासन ही देश को महान बनाता है, प्रत्येक व्यक्ति का देश के प्रति कुछ कर्तव्य होता है, जिसका पालन उसे अवश्य करना चाहिए क्योंकि जिस देश के नागरिक अनुशासित होते हैं, वही देश निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर रह सकता है। आज समाज में हर क्षेत्र में अनुशासनहीनता का बोलबाला है हमारे रग रग में यह व्याप्त हो गया है। यही कारण है कि हम प्रगति की दौड़ में पिछड़ गए हैं। हमारे ऋषि मुनियों ने हमें प्रारम्भ से ही अनुशासन का पाठ पढ़ाया था जिसके कारण हमारा देश सोने की चिड़िया कहलाता था, यदि हम चाहते हैं कि हमारा देश एक बार फिर सोने की चिड़िया कहलाये तो सबसे पहले जीवन में अनुशासन को अंगीकार करना पड़ेगा तभी समाज और राष्ट्र उन्नति और विकास के मार्ग पर तेजी से आगे बढ़ेगा।
सफलता की राह :-
सफल सभी होना चाहते है परन्तु मेहनत कोई नहीं करना चाहते है जैसे की स्वर्ग में तो सभी जाना चाहते है परन्तु मरना कोई नहीं चाहता, जैसे पतला सभी को होना है परन्तु कोई सुबह उठकर योगा नहीं करना चाहता, बड़ा व्यापार सभी को करना है परन्तु कोई रिस्क नहीं लेना चाहता |ऐसी कई उदाहरण है जिसमें हर काम करना तो चाहते है हम परन्तु प्रेरणा की कमी के करना हम कर नहीं पाते है |
हम खुद ही परेशानियों को चुनते है और समाधान भी खुद ही ढूंढ़ते है, हम खुद अपने आप को अपनी मंजिल से दूर करते जाते है हमें बस वो रास्ता याद रखना चाहिए जो हमें मंजिल तक ले जाएगा |एक रिसर्च में पता चला है की 1 दिन में 1 इंसान कुछ ही सही फैसले लेता है हमें हमारी जिंदगी के अहम् फैसलों को प्राथमिकता से फॉलो करना चाहिए |हर वो इंसान जो खुद से मोहब्बत करता है, जिंदगी को औरो से बेहतर बनाना चाहता है वह आत्म-अनुशासन की महत्ता को बखूबी जानता है | अस्थायी ख़ुशी को त्याग कर स्थायी ख़ुशी की कामना आपको सफल करती है |
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