सकारात्मक सोच बनाए रखने के तरीके

सकारात्मक सोच बनाए रखने के तरीके

  

आपके विचार आपके स्वभाव का निर्माण करते हैं। यदि आप सकारात्मक विचार रखते हैं तो आपका स्वभाव भी शील और शांत रहता है परंतु इसके विपरीत यदि आप नकारात्मक विचार रखते हैं तो आपका स्वभाव चिड़चिड़ा व गुस्सैल प्रकृति का होगा जो संभवतः आपके परिवार आपके परिवार वालो और मित्रों को भी पसंद नहीं आएगा। यदि व्यक्ति सकारात्मक सोच रखता है तो वह साहसी दृढ़ निश्चयी, स्वाभिमानी, शील व सब का सम्मान करने वाला होता है।

सकारात्मकता हमारे जीवन को एक नई दिशा देती है जिस दिशा में रात्रि में भी अंधेरे का साया नही घेरता ।

हमारी सोच न केवल हमारे व्यक्तित्व को अपितु दूसरों के हमारे प्रति नजरिये को भी प्रभावित करती है।

सकारात्मकता किसी व्यक्ति को जीरो से हीरो तक बना सकती है।

यदि थॉमस अल्वा एडीसन की अपने अविष्कारों के प्रति सकारात्मकता नहीं होती तो क्या आज आप बल्ब के प्रकाश को प्राप्त कर पाते?

क्या आप उन सभी जरूरतों को पूरा कर सकते हैं जो आप बल्ब के प्रकाश के सहारे पूर्ण करते हैं। यदि वे एक बार में ही हार मान गए होते तो वे आज इस ख्याति को प्राप्त नहीं कर पाते। उन्होंने 1000 बार असफलता प्राप्त की फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी और अपनी खोज के प्रति सकारात्मक ही रहे और अंततः उन्होंने अपनी खोज पूर्ण कर ली और बल्ब का निर्माण किया।

यदि आपने मन में ठान लिया है तो समझो आधी जीत हो गई फिर आपको जीतने से कोई नहीं रोक सकता।


सकारात्मक सोच का अर्थ

सकारात्मक सोच का अर्थ है सकारात्मक दृष्टिकोण, पूर्ण विश्वास व दृढ़ निश्चय के साथ आने वाली हर मुश्किल परिस्थितियों का सामना करना।

सकारात्मकता वह मनोदशा होती है जिसमें व्यक्ति अपने कार्य को करने के लिए पूर्णतः प्रतिबद्ध होता है। यह मनोदशा व्यक्ति से वो कार्य करवा सकती है जो करने के लिए वह शारीरिक रूप से सक्षम नहीं होता है परन्तु सकारात्मक मनोदशा में व्यक्ति मानसिक रूप से इतना सक्षम और दृढ़ विश्वासी हो जाता है जिससे वह कठोर और विशाल पहाड़ों को तोड़ने में भी नहीं हिचकता है।

सकारात्मक सोच मनुष्य की सोच का वह सर्वोत्तम प्रकार है जो मनुष्य को उसके लक्ष्य के अलावा कुछ देखने की अनुमति नहीं देती। सकारात्मक सोच वाला मनुष्य हमेशा प्रसन्न होता है।

सकारात्मकता व्यक्ति की ऐसी अनुपम उपलब्धि है कि यदि व्यक्ति इसे प्राप्त कर लेता है तो वह जीवन की किसी भी परीक्षा में असफल नहीं हो सकता।

मन के हारे हार है, मन के जीते जीत|
कहे कबीर हरि पाइए, मन ही की परतीत||

जीवन में जय पराजय केवल मन की भावनाएँ है यदि मनुष्य मन में हार गया, निराश हो गया तो पराजय है और यदि उसने मन को जीत लिया, तो वह विजेता है। ईश्वर को भी मन के विश्वास से ही जीता जा सकता है यदि प्राप्ति का भरोसा ही न हो तो कैसे पाएंगे।

सकारात्मक स्वभाव को कैसे पहचाने-

● इस दुनिया में अनेक प्रकार के व्यक्ति हैं इनमें से सकारात्मक स्वभाव वाले व्यक्तियों को ढूंढना बहुत ही मुश्किल कार्य है परन्तु यदि हम सकारात्मक रूप से सोचे तो हम अवश्य ही ऐसे लोगों को खोज सकते हैं।

● सकारात्मक विचार वाले व्यक्ति सदैव प्रसन्न रहते हैं।

● वे सदैव दूसरों की मदद करने के लिए तैयार रहते हैं।

● सकारात्मक स्वभाव वाले व्यक्ति कठिनाइयों में भी सफलता के मार्ग को खोज लेते हैं।

● ऐसे व्यक्ति सभी लोगों से मेलजोल रखने में रुचिकर होते हैं।

● हमें स्वयं के सकारात्मक स्वभाव का पता लगाने के लिए अपने पूरे दिन में किए गए कार्यों की समीक्षा करनी चाहिए ताकि हम ये जान सकें कि संपूर्ण दिन में हमने क्या- क्या अच्छे कार्य किए इससे हमें प्रसन्नता भी होगी। और सकारात्मक ऊर्जा का प्रसार भी होगा ।

सकारात्मक सोच बनाए रखने के 15 तरीके

दुनिया में ऐसी कोई वस्तु नहीं जिसे प्राप्त न किया जा सके। भले ही हमारे अंदर नकारात्मक विचार क्यूं न हों परन्तु यदि हम चाहें तो उन नकारात्मक विचारों को सकारात्मक विचारों में परिवर्तित कर सकते हैं। इसके कई तरीके हैं जैसे

1. ध्यान केन्द्रन -

ध्यान केंद्र /ध्यान लगाना, सकारात्मक सोच विकसित करने का सर्वोत्तम तरीका है। आप पूरे दिन किसी भी समय 5-10 मिनट के लिए किसी शांत जगह पर बैठे और अपनी स्वास पर ध्यान केन्द्रित करें। इससे आपको स्वयं और अपने आसपास की वस्तुओं में सकारात्मकता का अनुभव है ।

2. प्रसन्न रहना

प्रसन्नता भी सकारात्मक सोच का सृजन करने में एक अहम भूमिका अदा करता है। यदि हम स्वयं प्रसन्न रहेंगे तो हम दूसरे व्यक्तियों को भी प्रसन्न रख सकेंगे जिससे हमारे बीच प्रसन्नता का माहौल विकसित होगा और इससे हमारे चारों ओर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा।

3. दूसरों की मदद करना

जब हम किसी व्यक्ति की मदद करते हैं तो हमें उस व्यक्ति से ज्यादा प्रसन्नता होती है क्योंकि हम किसी के काम आ सके। इस प्रकार किसी की मदद करते हम स्वयं को सकारात्मक रख सकते हैं।

4. किताबें पढ़ना

किताबें हमे सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करने में मदद करती हैं। किताबों से हमें साकारात्मक व्यक्तित्वों की जानकारी प्राप्त होती है जो हमे सकारात्मक सोच विकसित करने में सहायता करती है ।

5. योग करना

योग व व्यायाम हमारे शरीर को सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करते हैं जिससे हम पूरे दिन सकारात्मक व ऊर्जावान महसूस करते हैं।

6. पर्याप्त नींद लेना

पर्याप्त नींद हमारे शरीर को स्फूर्तिमान और ऊर्जावान रखने के लिए अत्यंत आवश्यक है। इससे हम पूरे दिन सकारात्मक रहते हैं।

7. स्वयं के लिए समय देना

हमे अपने लिए थोड़ा समय अवश्य देना जिससे हम खुद की समीक्षा कर सकें।

8. संगीत सुनना

संगीत सुनने से हमारा शरीर आरामदायक महसूस करता है और सारा कुछ भूलकर हमारा शरीर कुछ नया करने के लिए तैयार हो जाता है।

9. सकारात्मक लोगों के बीच रहना

हमे ऐसे लोगों से संगत करनी चाहिए जो सकारात्मक विचार रखते हों। क्योंकि कहते हैं ना-

जैसी संगत वैसी रंगत। सकारात्मक लोगों के बीच रहने से हम में भी सकारात्मकता का सृजन होता है।

10. शिकायत करे -

जब हम किसी व्यक्ति के नकारात्मक रूप को देखकर उसकी शिकायत करते हैं तो हमारे अंदर भी नकारात्मकता का प्रवेश होता है, इसलिए हमे किसी की शिकायत नहीं करनी चाहिए।

11. व्यक्तियों की बुराइयों को अनदेखा कर उनकी अच्छाई पर ध्यान देना -

जब हम किसी व्यक्ति से मिलते हैं तो हमे उसके दो रूप देखने को मिलते हैं एक सकारात्मक और दूसरा नकारात्मक , इस स्थिति में हमे व्यक्ति के सकारात्मक रूप को ही देखना चाहिए और नकारात्मक रूप को अनदेखा करना चाहिए इससे हमारे अंदर नकारात्मकता नही प्रवेश करती।

12. अपनी नियमित दिनचर्या बनाना -

हमे स्वयं को दिन भर ऊर्जावान और स्फूर्तिवान बनाए रखने के लिए अपनी एक दिनचर्या बनानी चाहिए जिसका पालन करके हम स्वयं को सकारात्मक और ऊर्जावान रख सकें।

13. अपना लक्ष्य निर्धारित करना

जब हम अपना एक लक्ष्य निर्धारित करते हैं तो हमे एक मार्ग मिल जाता है जिस पर हमे चलना होता है इस स्थिति में हमारा ध्यान किसी भी नकारात्मक व्यक्ति या वस्तु की ओर नही जाता इस तरह हम स्वयं को सकारात्मक बनाए रख सकते हैं।

14. लोगों को धन्यवाद करना

जब हम लोगों का धन्यवाद करते हैं तो इससे हमारे अंदर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

15. मनोरंजन करके

मनोरंजन करके हम स्वयं को प्रसन्न रख सकते हैं, जिससे हमारे अंदर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता रहे।

सकारात्मक विचार नकारात्मक विचार में अंतर -

जब हम किसी स्थिति का अवलोकन करते हैं तो उसके दो पहलू होते हैं एक सकारात्मक और दूसरा नकारात्मक। जब हम किसी परिस्थिति को देख कर घबराने की बजाय ये सोचते हैं कि हम इस परिस्थिति को संभाल सकते हैं हम इस कार्य को कर सकते हैं, ये हमारे सकारात्मक विचार कहलाते हैं इसके विपरीत यदि हम उस परिस्थिति से घबराकर बिना प्रयास किए ही हार मान जाए या उस परिस्थिति का दोषी स्वयं को मानने लगे तो ये नकारात्मक विचार कहलाते हैं।

नकारात्मक स्वभाव वाले व्यक्ति को अवसर में भी कठिनाई नजर आती है वही सकारात्मक स्वभाव वाले व्यक्ति को कठिनाई में भी अवसर नजर आता है।

सकारात्मक विचार व्यक्ति को न केवल प्रसन्नता देते हैं बल्कि उनके आगे बढ़ने के रास्ते को प्रशस्त करते हैं वही नकारात्मक विचार न केवल व्यक्ति के आगे बढ़ने के रास्ते को बंद करते हैं अपितु उनके जीवन में दुख और निराशा भी देते हैं।

हमें सकारात्मक स्वभाव की आवश्यकता क्यों है

सकारात्मकता एक ऐसी निधि है जो चींटी के अंदर भी उस साहस को उत्पन्न कर देती है कि वो हाथी को पराजित कर सके। सोचिये जब चींटी इतनी छोटी हो कर सकारात्मकता की शक्ति से अपने से 100 गुना बढ़े हाथी को भी पराजित कर सकती है तो हम तो फिर भी मानव हैं, हम क्या नहीं कर सकते।

यदि हम सकारात्मक विचारों को ग्रहण करते हैं और सकारात्मक स्वभाव का अनुपालन करते हैं तो हम न केवल स्वयं को अपितु अन्य लोगों को भी प्रसन्न रख सकते हैं। सकारात्मकता कि इस ऊर्जा से हम कठिन से कठिन मार्ग को पार कर सकते हैं और इस पर विजय प्राप्त कर सकते हैं।

इससे हमारी व्यक्तित्व का विकास होता है। हमें सफलता, प्रसन्नता, सम्मान आदि वो सब कुछ प्राप्त हो जाता है जो एक व्यक्ति अपने सफल जीवन से आशा करता है। यदि हम सकारात्मक स्वभाव रखते हैं तो हम दूसरे व्यक्ति को भी नकारात्मकता से बचा सकते हैं। हम दूसरे व्यक्तियों की जिंदगी में भी सकारात्मकता का प्रकाश फैलाकर उन्हें एक रोशन व खुशनुमा जिंदगी दे सकते हैं।

यदि हम स्वयं सकारात्मक होकर न केवल स्वयं का बल्कि दूसरों का जीवन भी खुशहाल कर सकते हैं तो हमें सकारात्मक अवश्य होना चाहिए ।

निष्कर्ष
सकारात्मक कुछ भी, नकारात्मक से बहुत अच्छा होता है।

यदि हम थोड़ा सा भी प्रयास करते हैं स्वयं को सकारात्मक रखने के लिए तो वो हमारे द्वारा किए गए बड़े बड़े नकारात्मक कार्यों से भी अधिक अच्छा होता है। अतः हमे स्वयं को सकारात्मक बनाए रखने के लिए प्रयास अवश्य करना चाहिए भले ही थोड़ा ही करें।

सकारात्मक सोच न केवल एक व्यक्ति के बल्कि हजारो करोडो लोगों की जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकती है वही नकारात्मक सोच न केवल एक व्यक्ति का बल्कि हजारों लोगों का घर नष्ट कर सकती है।

अतः हमे साकारात्मक विचारों को अपनाना चाहिए।


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