sakshi choubey
271 अंक
Quick Learner
MY name is Sakshi Choubey. I m a banker by profession. I love blogging I work as a writer in my part-time.i am an Indian girl.belongs to MP.
हर इंसान दूसरे से अलग है, जन्म से ही हम कुछ विशेष आदतों के साथ आते है ये आदते हमे दुसरो से अलग प्रतीत कराती है, आदतों के अलावा इंसानो में कुछ सामान्य शरीर के अंग होते है जिसके साथ हम जन्म लेते है ये अंग होते सभी के पास है परन्तु इनमे भी कुछ भिन्नता हमें दुसरो से अलग बनाती है | हम सभी में कुछ विशेष ऐसा है जो अनूठा है यही विशेषताएँ तय करती है की हम कौन है और हम किसी परिस्थिति में किस तरह व्यवहार करेंगे |
10 बाधा व्यक्तित्व विकास में
हमारा व्यक्तित्व हमारी पहचान है आज हम इसके विकास में बाधा उत्पन्न करने वाले तत्वों को विस्तार से समझेंगे-
आत्मविश्वास की कमी :-
जीवन में अगर आप कुछ भी करना चाहते है तो उसकी चाबी है अपने ऊपर विश्वास रखना, यह पहला कदम है व्यक्तित्व विकास में | अगर हमे स्वयं पर विश्वास ही नहीं रहेगा तो हम स्वयं का सोचा काम भी नहीं कर पाएंगे हमें अपनी काबिलियत पर कभी भी शक नहीं करना चाहिए |
स्वार्थी प्रकृति :-
अगर हमें अपने व्यक्तित्व का विकास करना है तो दुसरो के बारे में भी सोचना पड़ेगा स्वयं के बारे में सोचने के साथ-साथ हमें दुसरो की बातो को भी सुनना सीखना पड़ेगा |इंसान की प्रकृति स्वार्थी हो गई है सिर्फ स्वयं के बारे में सोचना स्वयं के हित की बात करना |
श्रोता न बन पाना :-
हम हमेशा स्वयं की बातो को सुनना पसंद करते है, चाहते है की सभी लोग हमारी तारीफ करे | हमें किसी की बाते सुनना पसंद नहीं होती है आपकी ही बाते करना पसंद होती है ऐसा व्यक्तित्व हमें कभी आगे नहीं बढ़ने देता है | इसलिए दुसरो की बात को ध्यान से सुने और आपके दिमाग के बल पर अपना सुझाव या उत्तर दे |
विश्वास :-
अपने फैसलों को खुद के दम पर पूरा करे क्युकी दुसरो के फैसलों पर चलना असफलता का मुख्य कारण है |किसी पर विश्वास करना गलत नहीं है परन्तु किसी पर अन्धविश्वास करना बहुत गलत है जो हमें हमेशा पछताने का मौका दे सकता है |हमेशा खुद पर विश्वास करके लिए गए फेसलो पर अटल रहे और उसे पूरा करने की आदत डाल ले जब तक उसे पूरा न कर ले |
अच्छे-बुरे का फर्क :-
कभी-कभी हम किसी भी अजनबी पर जल्दी से विश्वास कर लेते है उसे अपना मित्र, अपना हमदर्द समझ लेते है |जो बहुत खतरनाक साबित हो सकता है हमेशा अपनी योजना और अपनी गुप्त बातो को किसी भी व्यक्ति को बताना नहीं चाहिए जब तक आपको उस पर पूर्ण विश्वास नहीं हो जाए |जो हमारे लिए सरल हो सहज हो वह हमारे लिए अच्छा है ठीक इसके विपरीत वह बुरा हो सकता है। परन्तु वह हमारे नजरिये से बुरा है लेकिन जो हमारे लिए बुरा है वही किसी अन्य के लिए अच्छा है क्योंकि वह मेरे लिए अनुकूल नहीं है पर किसी अन्य के लिए अनुकूल हो सकता है।
छवि :-
आपकी छवि हमेशा आपके व्यक्तित्व का आइना होती है, जो साफ-साफ सामने वाले को आपसे रूबरू कराती है |व्यक्तित्व विकास में सबसे बड़ी बाधा आपकी छवि ही है |अगर आप हमेशा उसको साफ और सही रखते है तो आपका व्यक्तित्व भी उसी की तरह साफ और सही दिखेगा |
नकारात्मक व्यक्तित्व:-
आपकी बात हो या कार्य आपकी नकारात्मक सोच हमारे बने बनाए कार्य को बिगड़ देते है | हमारे व्यक्तित्व विकास में सबसे बड़ी बाधा हमारी नकारात्मक सोच ही है हमारा सोचने का तरीका यह तय करता है की हम अपना कार्य किस प्रकार और किस हद तक पूरा कर सकेंगे |सकारात्मक विचारो से आत्मविश्वास बढ़ता है जबकि नकारात्मक विचार हमें कमजोर कर देते है |
मांगना छोड़ दे :-
मांगने से मतलब किसी वस्तु से नहीं है, दुनिया की तमाम चीजों से जो आपके पास है परन्तु आप किसी को देना नहीं चाहते बस जो आपके पास नहीं है उसे मांगना जानते है | मांगने के साथ-साथ अपने व्यक्तित्व में देने की भावना को भी सम्मिलित करे जो आपको हमेशा सफलता के रास्ते में मदद करेगी |
नए लोगो से हिचकिचाहट :-
कुछ लोग होते है हममे से जिन्हे नए-नए लोगो से मिलना पसन्द नही होता है परन्तु हमारे व्यक्तित्व विकास के लिए हमें ज्यादा से ज्यादा नए लोगो से मिलना और अलग-अलग प्रकार के लोगो से मिलना जीवन के एक नए स्तर पर जाना है |इससे जीवन में संस्कृति और जीवन शैली से जुडी चीजों के विषय में बहुत कुछ सिखने को मिलती है |
दुखी मन/गुस्सा :-
अगर आपका व्यक्तित्व गुस्से से भरा है आप हमेशा दुखी रहते है आपका मन उदास रहता है तो आप आपके व्यक्तित्व में सुधार नहीं ला सकते | उल्लासपूर्ण व्यक्ति की हमेशा सराहना की जाती है, हसना अच्छे व्यक्तित्व का एक हिस्सा है |कोशिश करे खुश रहने की क्युकी अगर आप अपने कार्य से खुश है तो आप जरूर सफल होंगे |
निष्कर्ष :-
हमें सफलता प्राप्त करना है तो हमेशा अपने व्यक्तित्व को लेकर बहुत गंभीर रहना चाहिए | मजबूत व्यक्तित्व मजबूत इंसान का परिचय देता है और हम सभी यही कहते है की हमारा नाम सुनते ही इंसान के दिमाग में हमारे व्यक्तित्व की छवि बन जाए |