sakshi choubey
271 अंक
Quick Learner
MY name is Sakshi Choubey. I m a banker by profession. I love blogging I work as a writer in my part-time.i am an Indian girl.belongs to MP.
“एक सफल दूसरा विफल क्यों” दो दोस्तों की एक छोटी सी कहानी से हम इसे समझेंगे और इसका उपाय पर भी चर्चा करेंगे |
एक समय की बात है एक छोटे से गाँव में दो दोस्त रहते थे | एक का नाम सोनू था और एक का नाम मोनू था ,दोनों पक्के दोस्त थे, सोनू गांव के सबसे अच्छे स्कूल में पड़ता था और मोनू सरकारी स्कूल में पड़ता था, परन्तु दोनों अधिकतर समय साथ रहते थे, खेलते-कूदते थे, सोनू और मोनू की नौकरी शहर में एक ही जगह लगी दोनों मेहनती थे, कुछ साल बाद मोनू को दफ्तर का प्रबंधक बना दिया, सोनू अपने दोस्त की तरक्की से खुश था परन्तु वह चिंतित भी था, क्युकी वो भी मेहनती है अपने काम के लिए बहोत मेंहनत करता है |
एक दिन गुस्से में आकर सोनू ने अपने मालिक से बात की और बताया की मेहनत तो में भी करता हु परन्तु आपको कोई कीमत ही नहीं पता है मेहनती लोगो की, मालिक ने हस कर जबाब देते हुए बोला की बेशक तुम बहुत मेहनती हो पर आज पहले मेरा एक काम कर दो, मालिक ने उन्हें एक मोटी सी कॉपी दी और बोला मुझे बताओ इसमें कितने पन्ने है, सोनू उस कॉपी को लेकर गिनने लगा 1 घंटे बाद उसने संख्या बता दी, मालिक ने फिर मोनू को बुलाया और वही काम करने को कहा मोनू ने कॉपी हाथ में ली और पीछे लिखी संख्या को बता दिया, मालिक ने बताया यही फर्क है तुम दोनों में |
दोस्तों आजकल के माहौल में सोनू वाली समस्या बड़ी आम हो गयी है। जब हम किसी को सफल होता देखते हैं तो यही सोचते हैं कि यार मेहनत तो मैं भी बहुत करता हूँ लेकिन सफल नहीं हो पाता शायद अपनी किस्मत ही फूटी है। कभी हम वक्त को दोष देते हैं तो कभी हालात को, लेकिन हम कभी सफल व्यक्ति में और खुद में फर्क ढूंढने की कोशिश नहीं करते।
मैं मानती हूँ कि आप भी मेहनती हैं लेकिन सही दिशा, सही समय और सही सूझबूझ के साथ जो मेहनत की जाती है सिर्फ वही रंग लाती है। अन्यथा तो गधा भी बहुत मेहनत करता है लेकिन उसे सुबह से शाम तक अपने मालिक के डंडे के सिवा उसे कुछ नहीं मिलता।
अपनी कमियों को देखो, सोचो कि जो हमसे आगे है वो क्यों हमसे बेहतर है ? ऐसा क्या है उसके पास जो हमारे पास नहीं है ? आपको आपके सारे सवालों का जवाब खुद ही मिल जायेगा।
कुछ टिप्स है जिससे हम सफलता को प्राप्त कर सकते है
► अगर आप अपने लक्ष्य और मंजिल के प्रति समर्पित है तो आपकी असफलता और विफलता के मायने अलग हो जायेंगे फिर आप विफलताओं और अपनी गलतियों से सबक और सीखना शुरू करने लगेंगे और एक नई द्रष्टिकोण के साथ आगे बढ़ेंगे।
► आपके पास जिंदगी का एक हुनर होगा जिसे लोग सफल होकर भी जीवन में हासिल नहीं कर पाते है। कभी भी अपनी गलतियों और विफलताओं से गुस्सा और नाराज ना हो क्योंकि चलने के लिए गिरना जरुरी होता हैं।
► हमारे जीवन में ऐसी बहुत सारी घटनाएँ घटती है जिन्हें हम अपने नशीब और किस्मत से जोड़ लेते है जैसे की आपने वो चीज हासिल कर ली है जिसे आप पाने की सोच रहे है और फिर आप अपनी किस्मत को बुलंद समझकर सबकुछ आपको खुद बा खुद हासिल हो जायेगा।
► अगर आपको हमेशा ऐसा लगता है की सफलता आपके हाथ नहीं लगती है तो शायद आपकी कोशिशों में कुछ परिवर्तनों की जरुरत है जिसके बारे में मैं आपको इस पोस्ट में बताने वाला हूँ। किस्मत और नशीब की बात भूल जाइये और अपने इरादों को मजबूत कीजिए।
► हम लोग बचपन से ही अपने माता पिता और गुरुजनों से सफलता के कुछ मूलमंत्र सुनते आए है जो है कड़ी मेहनत और सच्ची लगन और ये सही और सच भी है क्योंकि बिना मेहनत और लगन के कुछ भी हासिल नहीं होता हैं।
► यदि आप भीड़ से बाहर निकल कर कही पहुंचना चाहते है और आपकी नजर अपनी मंजिल पर टिकी है तो आप भीड़ में भी बिना किसी से टकराए अपनी मंजिल तक पहुँच जायेंगे और अपना लक्ष्य प्राप्त कर लेंगे।
► सोचना और हिसाब करना छोड़ दें, जब भी हम कोई काम या बिज़नस शरू करते है तो सबसे पहले हम यही सोचते है की क्या मैं इसमें सफल हो सकता हूँ, मुझे इससे क्या फायदा होगा और मुझे ये करना चाहिए या नहीं, पर अगर आप अपने किसी भी काम में और जीवन में सफल होना चाहते है तो ये बेकार की बातें और चिंता करना छोड़ दीजिये और अपने लक्ष्य पर ध्यान दीजिये।